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लेखनी कहानी -01-Jun-2023 कातिल कौन

भाग 6 
अनुपमा , सक्षम और अक्षत लंच के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठ गये । सक्षम ने नोट किया कि अक्षत की निगाहें बार बार अनुपमा की ओर उठ रही हैं यद्यपि अनुपमा की ओर से ऐसा कोई प्रयास नहीं हुआ था । अक्षत कनखियों से अनुपमा को देख रहा था । अनुपमा ताजे गुलाब सी खिल रही थी । पिंक साड़ी में उसका सौन्दर्य और निखर आया था । वह बार बार अक्षत से मनुहार कर रही थी । 
"आप तो कुछ ले ही नहीं रहे हो भैया । खाना चखना नहीं है बल्कि खाना है । खीर तो आपकी वैसी की वैसी ही रखी हुई है । लगता है कि अच्छी नहीं बनी" ? अनुपमा ने मुस्कुराते हुए कहा । जब वह मुस्कुराती थी तो सक्षम के दिल पर छुरी सी चल जाती थी । उसकी मुस्कुराहट का ही तो दीवाना था सक्षम । अक्षत के सामने अनुपमा का यूं मुस्कुराना उसे अच्छा नहीं लग रहा था । 

"खीर बहुत अच्छी बनी है भाभी । और खीर ही क्यों सब कुछ बहुत अच्छा बना है । सारी चीजें खाने के लिए पेट छोटा पड़ रहा है भाभी, नहीं तो पता नहीं कितना खा लेता मैं "? अक्षत अपने पेट पर हाथ फिराते हुए बोला । 

अनुपमा और अक्षत की बातों को सक्षम बैठा बैठा सुन रहा था पर उसने कहा कुछ नहीं तो अनुपमा सक्षम से कहने लगी 
"आपने तो भैया की मनुहार की ही नहीं । एक बार तो पूछ लो कम से कम" ? इन शब्दों में उलाहना भी था और आग्रह भी । वैसे भी पत्नी और बॉस का आग्रह एक तरह का आदेश ही होता है जिसे पति और अधीनस्थ को मानना ही होता है । नहीं मानने का कोई विकल्प नहीं होता है उनके पास । अपना पति धर्म निभाते हुए सक्षम बोला 
"ले लो यार , तुम्हारी भाभी इतना कह रही हैं तो एक चम्मच खीर तो ले ही लो । अगर कोई अनुपमा सी हसीना हमसे कहती तो हम खीर तो क्या उसके हाथ को ही चबा जाते" । सक्षम ने जबरदस्त कटाक्ष किया था जिससे अनुपमा तिलमिला गई थी । 
अक्षत ने एक चम्मच खीर और ले ली । खीर खाते हुए वह बोला "आपके हाथों में जादू है भाभी । कितनी शानदार खीर बनाई है आपने , सचमुच आनंद आ गया" । अक्षत पेट पर हाथ फिराते हुए बोला । 
"थैंक्स भैया , आपने तारीफ तो की । यहां तो लोगों को तारीफ करने में भी जोर आता है" । सक्षम की ओर देखकर अनुपमा ने जबरदस्त व्यंग्य कसा था । पर सक्षम भी कम नहीं था , पूरा हाजिर जवाब था, बोला 
"तारीफ के काबिल कोई काम हो तो तारीफ की जाये ना । ऐसा कुछ करके दिखाए कोई तो हम तारीफ भी करें । ऐवेंयी तारीफ नहीं होती है हमसे" । मुस्कुराते हुए सक्षम ने व्यंग्य का जवाब व्यंग्य से ही दे दिया । 

दोनों में व्यंग्य के तीर और चलते इससे पहले ही अक्षत खड़ा हो गया और उसने चलने की आज्ञा मांगी । 
"क्या करोगे अभी अपने कमरे में जाकर ? वहां पर अकेले अकेले बोर नहीं हो जाओगे क्या ? इससे अच्छा है कि यहां बैठकर बातें ही कर लो" । अनुपमा ने वैसे ही कह दिया । उसका कोई इरादा नहीं था पर यह बात सक्षम को चुभ गई । वह बोला 
"तुम देवर भाभी बैठकर बातें करो तब तक मैं थोड़ी देर सो लेता हूं" । सक्षम अपने कमरे में सोने चल दिया । अक्षत ने अनुपमा की ओर देखा । अनुपमा ने कह दिया "ठीक है भैया , फिर आप भी अपने कमरे में जाकर आराम कर लो । मैं भी कल चंडीगढ जाने की तैयारी करती हूं । 

लंच समाप्त होने के बाद अनुपमा वर्कशॉप में जाने की तैयारियों में व्यस्त हो गई । उसने अपने एन जी ओ "उन्नयन" में काम करने वाली कुछ लड़कियों तथा कुछ लाभार्थियों को चंडीगढ चलने के लिए तैयार किया और उन्हें ट्रेन से रवाना कर दिया । स्वयं फ्लाइट से चंडीगढ चली गई  । 

वर्कशॉप के लिए अनुपमा ने एक मैसूर सिल्क की साड़ी पहनी । उसमें वह एक राजकुमारी सी लग रही थी । सौन्दर्य की देवी तो वह थी ही इसलिए सबके आकर्षण का केन्द्र भी बन गई थी । क्षितिज उसे रिसीव करते हुए बोला 
"आज तो ऐसा लग रहा है कि सारी महफिल आप ही लूट ले जाऐंगी । थोड़ा बहुत हमारे लिए भी छोड़ देना अनुपमा जी" 

इस पर अनुपमा क्या कहती , मुस्कुरा भर दी । अनुपमा का स्टॉफ और उसके एन जी ओ के कुछ लाभार्थी भी आए हुए थे । सबने अनुपमा को घेर लिया । वह वर्कशॉप का केन्द्र बिन्दु बनी हुई थी । इतने में मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती किरण चौधरी आ गईं और वर्कशॉप का विधिवत उद्घाटन हो गया । 

अनुपमा ने इस वर्कशॉप में बताया कि उनका एन जी ओ "उन्नयन" महिला उत्थान में किस तरह सहयोग कर रहा है । उसने अलग अलग यूनिट बना रखी हैं । उसने बताया कि हमारी "सैनेटरी नैपकिन" यूनिट कच्ची बस्तियों में लड़कियों और महिलाओं को सैनेटरी नैपकिन्स का नियमित वितरण करती हैं । साफ सफाई रखने का प्रशिक्षण देती हैं और "यूज्ड नैपकिन्स" को नष्ट करने का तरीका भी समझाती हैं । 

हमारी दूसरी यूनिट है "जच्चा बच्चा" यूनिट । यह यूनिट इन्हीं कच्ची बस्तियों में अपना काम करती है और महिलाओं को बताती है कि विवाह कितनी उम्र के पश्चात करना चाहिए, माहवारी के कारण स्त्रियों में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है इसलिए खाने में आइरन बढाने वाली चीजें खानी चाहिए । कब गर्भ धारण करना है , दो बच्चों में कितना अंतराल होना चाहिए ? अंतराल रखने के लिए क्या क्या साधन उपलब्ध हैं ? गर्भावस्था में क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ? जच्चा और बच्चा को कौन कौन से टीके कब कब लगवाने चाहिए ? ब्रेस्ट फीडिंग क्यों जरूरी है ? आदि आदि बातें बताने का काम यह यूनिट करती है । 

तीसरी यूनिट का नाम है "स्वयं सिद्धा" यूनिट । इस यूनिट में हम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रशिक्षण दिलवाते
हैं और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते हैं । चौथी यूनिट है "सबला" यूनिट । इस यूनिट का कार्य है महिला उत्पीड़न, दुष्कर्म आदि मामलों में पीड़िताओं को विधिक सहायता उपलब्ध करवाना , उन्हें आर्थिक और मानसिक संबल प्रदान करना और उनमें विश्वास भरना । इसके अतिरिक्त यह यूनिट किशोरियों को आत्मरक्षा करने के तरीकों का प्रशिक्षण भी करवाती है । विधवा, परित्यक्ताओं के लिए भी यह यूनिट काम करती है । इस प्रकार हमारी संस्था "उन्नयन" महिलाओं के उन्नयन में पूरी तरह से लगी हुई है । हमारी संस्था की कुछ लाभार्थी भी यहां पर आई हुई हैं वे भी अपने अपने अनुभव शेयर करेंगी" । 

एक एक करके प्रत्येक यूनिट की एक एक लाभार्थी ने आकर बताया कि किस तरह "उन्नयन" ने उनकी जिंदगी बदल कर रख दी है । "उन्नयन" के कार्य से मंत्री महोदया बहुत प्रसन्न हुईं और उन्होंने "उन्नयन" को "बेस्ट एन जी ओ" का पुरस्कार प्रदान किया । 

समापन सत्र में माननीय प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन था । समस्त एन जी ओ ने अपने अपने कामों की प्रदर्शनी भी लगाई थी । "उन्नयन" की प्रदर्शनी को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया । इस प्रकार इस वर्कशॉप में पूरे समय अनुपमा ही छाई रही । क्षितिज ने अनुपमा का हार्दिक अभिनंदन करते हुए कहा "अनुपमा जी , आपने आकर इस वर्कशॉप में जान फूंक दी । आपके काम से मंत्री महोदया और माननीय प्रधानमंत्री जी बहुत प्रसन्न हैं । शीघ्र ही आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है । बहुत बहुत अग्रिम बधाइयां आपको" । 

अनुपमा के पैर धरती पर नहीं पड़ रहे थे । इतना मान सम्मान पाकर कौन आदमी धरती पर रहता है ? वह भी आसमान में उड़ने लगी और आसमानी सफर करते हुए वापस नोएडा आ गई । 

सुबह के नौ बजे थे । उसे अपने मकान पर ताला लगा मिला । ताला लटका देखकर उसे बड़ा आश्चर्य हुआ । "सक्षम कहां चला गया" ? वह सोचने लगी । "अक्षत भी नहीं है" । उसका ध्यान अब अक्षत पर गया । सोचते सोचते वह घर के अंदर दाखिल हुई । जैसे ही वह लिविंग रूम में पहुंची उसकी चीख निकल गई , जैसे कि उसने कोई भूत देख लिया हो । उसके सामने एक आदमी की खून से लथपथ लाश पड़ी हुई थी और फर्श पर खून फैला हुआ था । वह जोर से चीखती हुई बाहर की ओर भागी । 

(अगले अंक में आप पढेंगे कि वह लाश किसकी थी और उसका खून किसने किया ) 

श्री हरि 
7.6.23 

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6 Comments

Gunjan Kamal

03-Jul-2023 10:18 AM

Nice one

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Hari Shanker Goyal "Hari"

05-Jul-2023 09:38 AM

🙏🙏🙏

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Alka jain

27-Jun-2023 07:43 PM

Nice 👍🏼

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Hari Shanker Goyal "Hari"

05-Jul-2023 09:38 AM

🙏🙏🙏

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Babita patel

07-Jun-2023 12:09 PM

nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

07-Jun-2023 04:57 PM

🙏🙏

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